मुलत: इस तरह के कृत्य के पीछे डॉ.बाबासाहब आंबेडकर की सामाजिक सुधार, राजनयिक विचारधारा और समृद्ध विरासत के प्रति उपद्रवियों की घृणा का सावर्जनिक प्रदर्शन है। बेशक, यह नफरत का यह भयावह प्रदर्शन है। लेकिन इससे भी भयावह यह है कि यह घटना अमृतसर में भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर हुई। जिस दिन भारत ने बाबासाहब की अध्यक्षता में संविधान को अपनाया और खुद को औपनिवेशिक पारतंत्र और अमानवीय मनुस्मृति से मुक्त किया।
संविधान को बदलने और मनुस्मृति को फिर से लागू करने के लिए पूरे देश में एक बड़ी “भूमिगत” साजिश चल रही है, जिसके तहत बाबासाहब की मूर्तियों तोड़ने और संविधान जलाने की बढ़ती घटनाओं से सारे सुराग उजागर हो रहे हैं।
मैं पुरजोर तोर से मांग करता हूं कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस द्वारा उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। मैं यह भी मांग करता हूं कि अधिकारी बाबासाहेब की मूर्तियों और संविधान के साथ बर्बरता की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ साजिश की विधीवत जांच करें।
: ॲड. प्रकाश आंबेडकर
राष्ट्रीय अध्यक्ष. वंचित बहुजन आघाडी
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